Jul 24, 2009

अमेरिकी सभ्यता

संता (बंता से)- भारतीय और अमेरिकी सभ्यता में अंतर बताओ?

बंता (संता से)- जन्मदिन के अवसर पर जिन शब्दों का प्रयोग भारतीय करते हैं, उन्हीं शब्दों का प्रयोग अमेरिकी विवाह के समय करते हैं।

संता (बंता से)- ऐसे कौन से शब्द हैं?

बंता (संता से)- हमारी दुआ है कि यह दिन बार-बार आए।

फिर लड़ाई

संता (बंता से)- कल मेरी लक्की से फिर लड़ाई हो गई। मैं उसे जिंदा नहीं छोड़ने वाला था। लेकिन किसी वजह से रुक गया।

बंता (संता से)- किस वजह से?

संता (बंता से)- वह मुझे पहले भी 5 बार पीट चुका है।

आधी रात

संता (बंता से)- कल रात मेरा पड़ोसी आधी रात को अचानक मेरा दरवाजा पीटने लगा।

बंता (संता से)- तब तो तुम बहुत परेशान हुए होगे?

संता (बंता से)- नहीं, मैं तो पहले की तरह से ही गाना गाता रहा।

मुर्गा है या मुर्गी

संता (बंता से)- बंता भाई, तुम्हें कैसे पता है कि यह मुर्गा है या मुर्गी?

बंता (संता से)- अरे यार यह भी कोई पूछने की बात है, पत्थर मार के देखो, भागी तो मुर्गी और भागा तो मुर्गा।

गाड़ी का ब्रेक

संता (अपनी बीवी को फोन करके कहता है)- आज मैं घर नहीं आऊंगा।

बीवी - पर क्यों?

संता - क्योंकि मेरी गाड़ी का ब्रेक, एक्सेलरेटर, क्लच, गियर सब कुछ कोई चुरा ले गया है।

बीवी - अच्छा।

संता का फिर थोड़ी देर बाद फोन आया और बोला- मैं घर आ रहा हूं।

बीवी - पर कैसे?

संता - अरी, मैं पीछे की सीट पर बैठ गया था।

गाड़ी की स्पीड

संता (बंता से)- ओए बंता, अचानक तुमने गाड़ी की स्पीड क्यों बढ़ा दी?

बंता (संता से)- गाड़ी की ब्रेक फेल हो गई है एक्सीडेंट हो जाए, इससे पहले घर पहुंच जाते हैं।

मैरिज सर्टिफिकेट

संता अपने मैरिज सर्टिफिकेट को एक घंटे से देखे जा रहा था।

बंता (संता से)- यार संता, तुम इतनी देर से अपनी मैरिज सर्टिफिकेट में क्या देख रहे हो?

संता (बंता से)- एक्सपाइरी डेट ढूंढ रहा हूं।

कितने बजे उठते हो

संता (बंता से)- तुम सोकर कितने बजे उठते हो?

बंता (संता से)- जब सूरज की किरणें खिड़कियों से होकर मेरे कमरे में आने लगती हैं।

संता (बंता से)- वाह, तुम तो एकदम सुबह उठ जाते हो।

बंता (संता से)- नहीं, दरअसल मेरी खिड़कियां पश्चिम की तरफ खुलती हैं।

सूरज पर चलते हैं

संता (बंता से)- बंता चलो हम लोग सूरज पर चलते हैं।

बंता (संता से)- संता भाई तुम ठीक तो हो? क्या तुम्हें पता नहीं सूरज कितना गर्म है, हम वहां तक पहुंच भी नहीं पाएंगे।

संता- अरे बंता तुम भी बिलकुल मूर्ख हो, हम दिन में नहीं रात में जाएंगे।

बहुत बड़े दुश्मन

संता सिंह और बंता सिंह दोनों बहुत बड़े दुश्मन थे। ये दोनों एक ही बिल्डिंग में रहते थे। बंता सिंह सातवें माले पर रहता था और संता सिंह पहले।

एक बार बिल्डिंग की लिफ्ट खराब हो गई। बंता सिंह ने सोचा कि आज संता को सबक सिखाया जाए। उसने संता सिंह को फोन करके खाने पर बुलाया। बेचारा संता सिंह जैसे-तैसे सातवें माले पर पहुंचा और वहां जाकर देखा कि दरवाजे पर ताला लगा है और लिखा था कि कैसे उल्लू बनाया।

संता सिंह को यह देखकर काफी गुस्सा आया। उसने नोट के नीचे लिखा- मैं तो यहां आया ही नहीं था।

लगातार बरसात

संता (बंता से)- तुमने कितने दिनों तक लगातार बरसात होते देखी है?

बंता (संता से)- सिर्फ एक दिन तक।

संता - क्यों, तुमने कभी लगातार दो दिनों तक बरसात होते नही देखी है?

बंता - नहीं, क्योंकि बीच में रात भी तो आती है।

दो गिलास

संता रात को सोने से पहले टेबल पर दो गिलास रखा करता था। एक पानी से भरकर दूसरा बिलकुल खाली। संता की इस आदत को देखकर बंता बहुत चकित हुआ उसने संता से पूछा- यार, तू सोते समय खाली गिलास क्यों रखता है?

संता (बंता से)- पानी से भरा गिलास इसलिए रखता हूं कि अगर रात में प्यास लगे तो उठकर पी लूं। खाली गिलास इसलिए रखता हूं कि कभी-कभी मुझे प्यास नही भी लगती है।

पूंछ क्यों हिलाते हैं

संता (बंता से) - यार बंता! ये कुत्ते पूंछ क्यों हिलाते हैं?

बंता (संता से)- अरे इतना भी नहीं पता अब पूंछ तो कुत्ते को नहीं हिला सकती ना।

नई नौकरी लगी

संता सिंह की नई नौकरी लगी। पहले दिन संता ने बहुत देर तक काम किया। संता का बॉस उससे बहुत खुश हुआ।

बॉस (संता से)- कल तुमने देर रात तक क्या किया?

संता (बॉस से)- कुछ नहीं बॉस कीबोर्ड में अल्फाबेट्स क्रम में नहीं थे, बस उसे ही ठीक कर रहा था।

नींद नहीं आई

संता (बंता से)- मुझे रात भर नींद नहीं आई।

बंता (संता से)- क्यों नहीं आई?

संता- क्योंकि कल रात भर नींद में मैं यही सपना देखता रहा कि मैं जाग रहा हूं।

पी रखी है

बंता आधी रात को शराब के नशे में जा रहा था। उसका एक पैर फुटपाथ पर पड़ता और दूसरा सड़क पर। पीछे से थानेदार संता ने उसे एक डंडा जमाते हुए पूछा- क्यों रे, कितनी पी रखी है तूने?

बंता ने संभलते हुए कहा- याद दिलाने के लिए शुक्रिया कि मैंने पी रखी है। एक घंटे से तो मैं यही सोचकर परेशान था कि मैं अचानक लंगड़ा कैसे हो गया।

घंटे भर बोल सकती है

संता (बंता से)- जानते हो मेरी पत्‍‌नी किसी भी विषय पर घंटे भर बोल सकती है।

बंता (संता से)- अच्छा।

संता - हां ऐसी पत्नी शायद ही कही हमने देखी हो।

बंता - पर मेरी पत्नी कुछ और ही अजीब है।

संता - कैसे?

बंता - वह बिना किसी विषय के ही घंटो तक आराम से बोल सकती है।

अच्छी नौकरी

संता (बंता से)- सुना है तुम्हें कोई अच्छी नौकरी मिल गई है।

बंता (संता से)- जी हां, पैसे कुछ कम अवश्य है, लेकिन अधिकार बहुत है। मैं किसी छोटे से छोटे आदमी को भी चोटी पर पहुंचा सकता हूं और बड़े से बड़े अधिकारी को नीचे उतार सकता हूं।

संता - क्या काम करते हो तुम?

बंता - लिफ्टमैन हूं।

शेर से सामना

संता (बंता से)- बंता भाई एक दिन अपना सामना जीते-जागते शेर से हो गया और मेरे पास कोई हथियार नहीं था।

बंता (संता से)- ओह! फिर क्या किया तुमने?

संता- मैं कर ही क्या सकता था? मैंने पहले तो उसकी आंख की पुतलियों को देखा, मगर वह मुझे देखकर गुर्राता रहा। फिर मुझे लगा कि अगर मैंने इसकी गरदन पकड़ ही ली तो मेरा खतरा टलेगा नहीं और बढ़ जाएगा, और वह घूरता रहा-घूरता रहा।

बंता- फिर तुमने उससे छुटकारा किस प्रकार पाया?

संता- बस मैंने उसकी तरफ से मुंह फेर लिया और दूसरे पिंजरे की तरफ बढ़ गया।

अक्ल की दवा

संता (बंता से)- यार बंता तुम इतनी देर से क्या खा रहे हो?

बंता (संता से)- अक्ल की दवा।

संता- अक्ल की दवा! फिर तो मुझे भी दे दे।

बंता- दो रुपए की है।

संता (रुपए देकर दवा खाते हुए)- अरे यह तो गुड़ है।

बंता- देखा दवा खाते ही अक्ल आ गई।

जुरासिक पार्क

एक बार संता एक सिनेमा हॉल में फिल्म जुरासिक पार्क देखने गया।

जैसे ही डायनासॉर अपना शिकार करते, वैसे ही संता अपनी सीट के नीचे छिप जाता। यह देखकर बंता ने संता से कहा, संता भाई डरो मत ये फिल्म है।

संता ने जवाब दिया मुझे तो पता है पर डायनासॉर को नहीं पता है न।

आज का अखबार

संता (बंता से)- बंता तुमने आज का अखबार कहां रख दिया जरा इधर देना।

बंता (संता से)- अरे यार मैं भी कल से ढूंढ रहा हूं मिलता ही नहीं।

करोड़पति चाचा

संता (बंता से)- यार बंता मेरी मंगनी टूटने वाली है। प्रीतो ने मेरे साथ विवाह करने से इंकार कर दिया।

बंता (संता से)- क्या तुमने अपने करोड़पति चाचा के बारे में नहीं बताया?

संता- बताया तो था.. अब वह मेरी चाची है।

ब्रेकफास्ट

सवेरे-सवेरे संता बंता के घर पहुंचा।

संता (नौकर से)- बंता है?

नौकर (संता से)- हां है, बंता साहब डिनर ले रहे हैं।

संता- मूर्ख! रात के भोजन को डिनर कहा जाता है, सुबह के नाश्ते को ब्रेकफास्ट कहते हैं।

नौकर- लेकिन साहब तो अभी कल रात का बचा-खुचा खाना ही खा रहे हैं।

कामयाब पुरुष

संता (बंता से)- यार बंता! जीवन में सबसे कामयाब पुरुष कौन है?

बंता (संता से)- जीवन में सबसे कामयाब पुरुष वह है जिसकी स्त्री जितना खर्च कर सके उससे अधिक पैसा कमा लेता हो।

संता- और कामयाब स्त्री कौन है?

बंता- जो ऐसे पुरुष को खोज निकालती है।

जवानी के कारण

संता (बंता से)- मैं केवल अपनी जवानी के कारण चुनाव हार गया।

बंता (संता से)- जवानी के कारण.. लेकिन तुम्हारी जवानी तो गुजर चुकी है।

संता- हां दरअसल लोगों को पता चल गया था कि मेरी जवानी कैसे गुजरी थी।

सिविल लाइन

संता ने सिविल लाइन में जब बंता को देखा तो उसका चेहरा खिल उठा। वह झट से उसके पास पहुंचा।

संता (बंता से)- यार बंता खूब मिल गए तुम। मैं बड़ा परेशान हो रहा था।

बंता (संता से)- खैरियत तो है, ऐसा कौन-सा संकट आ पड़ा।

संता- यार मैंने सौ रुपए का सामान खरीद लिया, पर जेब में हाथ डाला तो पता चला कि बटुआ घर छोड़ आया हूं। तुम इस समय मेरी मदद कर दो।

बंता- जरूर। आखिर दोस्त ही दोस्त के काम आता है.. यह लो चवन्नी और रिक्शा से तुरंत घर जाकर बटुआ ले आओ।

सड़कों पर इतने कागज

संता (बंता से)- आज सड़कों पर इतने कागज क्यों बिखरे पड़े हैं?

बंता (संता से)- यह नगर निगम के इश्तहार हैं जिसमें जनता से अपील की गई है कि सड़कों पर रद्दी कागज नहीं फेंकने चाहिए।

दो हजार का चेक

संता (बंता से)- यह दो हजार का चेक किसे भेज रहे हो?

बंता (संता से)- अपने छोटे भाई को।

संता- लेकिन चेक पर तुमने हस्ताक्षर तो किये ही नही।

बंता- मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहता हूं।

बूट पॉलिश

संता (बंता से)- तुम जानते ही हो कि मैं कितनी मेहनत करके नीचे से ऊपर आया हूं।

बंता (संता से)- क्यों नहीं, पहले तुम बूट पॉलिश किया करते थे और अब सिर पर तेल मालिश का काम करते हो।

अलार्म घड़ी

संता (बंता से)- यार आज पहली बार अलार्म घड़ी से मेरी आंख खुली।

बंता (संता से)- वह कैसे?

संता- मेरी बीवी ने उसे मेरे सिर पर फेंक मारा था।

कौन सी भाषाएं

संता (बंता से)- तुम कौन-कौन सी भाषाएं बोल और लिख सकते हो?

बंता (संता से)- मैं चार भाषाएं अच्छी तरह बोल और लिख सकता हूं।

संता- अच्छा कौन-कौन सी?

बंता- हिंदी, देवनागरी, हिंदुस्तानी और राष्ट्रभाषा।

करोड़पति कैसे बनें

संता कबाड़ी बाजार में पुरानी किताबें देख रहा था। उसने एक पुरानी किताब पसंद की जिसका नाम था- करोड़पति कैसे बनें?

लेकिन पुस्तक के आधे पृष्ठ गायब थे। वह दुकानदार से बोला- इसे लेने का क्या लाभ है, क्योंकि इस पुस्तक के आधे पृष्ठ तो गायब हैं।

दुकानदार ने तर्क प्रस्तुत किया- लेकिन आधे करोड़ का लाभ भी कुछ कम नहीं होता।

अंडे तथा चाय

एक दिन संता ने होटल में दो अंडे तथा चाय मंगवाई। जब बिल आया तो उसमें अंडों के दस रुपए लिखे थे।

संता ने होटल के मैनेजर से पूछा- क्यों अंडे इधर मुश्किल से मिलते हैं?

मैनेजर- नहीं आप जैसे लोग बड़ी मुश्किल से मिलते हैं।

बूढ़ा होता जा रहा हूं

संता (बंता से)- मैं बूढ़ा होता जा रहा हूं। जिस तरह लोग मुझसे बातें करते हैं, इससे तो यही अंदाजा होता है।

बंता (संता से)- अरे निराश क्यों होते हो, तुम बूढ़े नहीं हो। अच्छा यह बताओ कि लोग तुमसे किस अंदाज में बात करते हैं।

संता- पहले वे मुझसे कहा करते थे कि आप शादी क्यों नहीं कर लेते और अब कहते हैं कि आपने शादी क्यों नहीं की?

20 मिनट से टेलीफोन

संता 20 मिनट से टेलीफोन कान में लगाए बैठा था।

बंता (संता से)- जल्दी कर यार! तू 20 मिनट से टेलीफोन पकड़े चुपचाप बैठा है। एक शब्द भी नही बोला।

संता (बंता से)- ओह चुप कर यार! मैं अपनी पत्नी से बात कर रहा हूं।

फ्लैट में बैठे गप-शप

रात के समय संता-बंता फ्लैट में बैठे गप-शप कर रहे थे।

संता को ख्याल आया कि समय मालूम किया जाए। पता चला कि उसकी घड़ी बंद है। बंता के पास घड़ी नहीं थी। अंतत: संता ने जोर-जोर से गाना शुरू कर दिया।

फलस्वरूप सामने की खिड़की खुली और एक आदमी बुलंद आवाज में चीखा- ये क्या बदतमीजी है। रात के तीन बजे गाना गाया जा रहा है।