सिविल लाइन
संता ने सिविल लाइन में जब बंता को देखा तो उसका चेहरा खिल उठा। वह झट से उसके पास पहुंचा।
संता (बंता से)- यार बंता खूब मिल गए तुम। मैं बड़ा परेशान हो रहा था।
बंता (संता से)- खैरियत तो है, ऐसा कौन-सा संकट आ पड़ा।
संता- यार मैंने सौ रुपए का सामान खरीद लिया, पर जेब में हाथ डाला तो पता चला कि बटुआ घर छोड़ आया हूं। तुम इस समय मेरी मदद कर दो।
बंता- जरूर। आखिर दोस्त ही दोस्त के काम आता है.. यह लो चवन्नी और रिक्शा से तुरंत घर जाकर बटुआ ले आओ।
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